गुड इवनिंग फ्रेंड्स. मैं रचना अग्रवाल आप सभी का नॉनवेज स्टोरी डॉट कॉम पर बहुत बहुत स्वागत करती हूँ. मैं इसकी मस्त सेक्सी कहानियों की बहुत बड़ी फैन हूँ. आज मैं आपको अपनी सेक्सी कहानी सुना रही हूँ. मैं कई दिनों से सोच रही थी की मैं भी आपको अपनी नाजायज रिश्ते की चुदाई की कहानी जरुर सुनाऊंगी. तो मैं आज आपको अपनी कहानी सुनाती हूँ.
रामनाथ यादव कास्ट का था. यही नॉएडा के एक गांव का रहने वाला था. पर था बहुत मस्त बंदा. उम्र कोई १८ २० की होगी. सुबह जल्दी ६ बजे वो घर आ जाता. बच्चो के लिए नास्ता बनाता. उनको स्कूल छोड़ने जाता. फिर लौटकर मेरे घर का सारा काम करता. सुबह से शाम तक वो शायद ही आराम करता हो. धीरे धीरे मेरी रामनाथ से खूब पटरी खाने लगी.
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अपने खाली वक्त में मैं उससे खूब बात करती. अरे रामनाथ! तू अच्छा ख़ासा जवान है. शादी क्यूँ नही कर लेता??’ एक दिन ऐसे ही मैंने हसी हसीं में उससे पूछ लिया. अरे बीबीजी ! हमारे सिर पर ५ लाख का कर्जा है. हमारे बापू की दवा में सारा पैसा लग गया. उधर लेकर उनकी दवा कराई. फिर भी बापू नही बचे’ रामनाथ कहने लगा तो उसकी आँखें भीग गयी. ‘मैं समझ सकती हूँ’ मैंने कहा और उसके जवान कंधे पर मैंने सहानुभूति में हाथ रख दिया. ‘रामनाथ, तो क्या तेरी कोई यार भी नही है ???’ मैंने उसका मिजाज हल्का करते हुए पूछा. वो हसने लगा. नही बीबीजी! हमका लडकियन से बहुत शरम आवत है’ वो जरा गांव की भासा में बोला. मैं हसने लगी.Independent call Girls In Jaipur
मेरे पति के जाने के बाद मैं ये कह सकती हूँ की मेरा नौकर मेरा बड़ा हमदर्द, मेरा हमराज बन गया था. मेरे बच्चों को वो तरह तरह से हँसाता था. मेरे बच्चे उसके हाथ से ही खाना खाते थे. उसके साथ ही खेलते थे.High profile Call Girls In Dwarka
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जैसे जैसे दिन बीतने लगे मैं नौकर रामनाथ को लेकर जुनूनी हो गयी. अब मैं जल्द से जल्द उससे शारीरिक सम्बन्ध बनाना चाहती थी. उसके जवान शरीर को मैं भोगना चाहती थी. जी बीबीजी !! हुकुम! वो बोला. रामनाथ, मेरे पैर में बड़ा दर्द हो रहा है. प्लीस जरा दबा दो’ मैंने कहा जी बीबीजी ! वो बोला. मेरे बेडरूम में आ गया. मैंने एक मस्त नाइटी पहन ली. रामनाथ मेरे पैर दबाने लगा. मुझे बड़ा मजा आने लगा. पर मुझे उससे पैर नही दबवाने थे. मुझे तो उसका जवां लंड खाना था. रामनाथ जरा उपर !! मैंने कहा वो अब मेरी जाँघों पर दबाने लगा. मैंने जान बूझकर अपनी नाइटी उपर कर ली. रामनाथ मेरे तरासे हुए बदन को देखकर मंत्रमुग्ध तो था. पर उससे ऐसी वैसी कोई हरकत नही की. मैं चाहती थी वो मुझे पकड़ ले और बस चोद ले. पर वो निरा भोंदा बाबा था. मैं अचानक से उसको पकड़ लिया. रमानाथ, आज मेरी प्यास बुझा दो! मैं कबसे तुम्हारे प्यार की प्यासी हूँ ! मैने कहा. वो बिलकुल हडबडा गया. वो डर गया. उनके सिर पर पसीना छूट गया. नही नही बीबीजी ! ये आप क्या कह रही है! आप तो मेरी मालकिन है. मैं आपके साथ ये सब कैसे कर सकता हूँ ! वो बोला. रामनाथ !! तुम मुझे मना नही कर सकते. मुझे आज रात तुम चाहिए किसी भी सूरत में’ मैं किसी चुदासी छिनाल की तरह गुस्से में चिल्लाई. मैं बहुत गुस्सा हो गयी थी. नही नही बीबीजी !! हम ये नही कर सकते! रामनाथ बोला और वहाँ से बाहर चला गया. मैं उसको बुलाने पीछे पीछे गयी, पर वो सायद कुछ जादा ही घबरा गया था. वो अपने घर चला गया था. मैं उसके जाने पर बहुत बहुत गुस्सा हुई. मैं उसकी मालकिन थी. वो मेरी बात मारे कैसे चला गया. मैं उससे बदला लेना चाहती थी. अगले दिन जब वो आया तो मैंने उसका हिसाब कर दिया. वो नही जानता है मैं ऐसा करुँगी. नही बीबीजी ! मुझे काम से मत निकालो! मुझे पैसो की बहुत जरुरत है! वो हाथजोड़ के मिन्नतें करना लगा. मैं जान गयी की ऊंट अब पहाड के नीचे आ गया है. मैं तुमको काम पर दुबारा रख लुंगी, पर जो काम तुम कल रात अधूरा छोड़ कर गए थे, वो तुमको पूरा करना होगा. मैं जब जब तुमको कमरे में बुलाऊंगी, तुमको आना होगा! मैंने साफ साफ रामनाथ से कह दिया. वो फिरसे सोच में पड़ गया. पर उसको पैसो की बड़ी जरुरत थी. मैंने ताड़ लिया था. जब रात हो गयी तो मैंने धीरे से रामनाथ को इशारा किया और कहा की बच्चो को उनके कमरे में जाकर सुलादे और फिर मेरे कमरे में आये. रात १० बजे रामनाथ मेरे कमरे में आ गया. मैं लाल पारदर्शी नाईटी पहन रखी थी. रामनाथ मेरे बेड पर आ गया. मैंने अपने हाथों से उसकी शर्ट की एक एक बटन खोल दी. वो उपर से नंगा हो गया. वो सिर्फ १८ साल का था. बिलकुल मस्त जवान बांका छोरा था वो. मेरे मम्मे चूसो !! मैंने आदेश दिया जी बीबीजी!! वो बोला और मेरे मम्मे पीने लगा. मुझे बहुत अच्छा लगा. पति को बैंगलोर गए ३ महीने से भी जादा समय हो गया था. पुरे ३ महीने से मैंने कोई लंड नही खाया था. पुरे ३ महीने से किसी मर्द ने मुझको नहीं चोदा था. पर आज मैं अपनी सारी हवस पूरी कर लुंगी. मैं सोच लिया था. रामनाथ मेरे मम्मे पीने लगा. मैं अपना हाथ उसके पेट के नीचे से ले जाते हुए अपनी चूत तक ले गयी. अपनी चूत सहलाने लगी और उसमे ऊँगली करने लगी. रामनाथ एक अच्छे मर्द की तरह मेरे मम्मे पी रहा था. ‘रामनाथ! घबराओ मत, मुझे अपनी बीवी समझ के मेरे दूध पियो और मुझे आज इतना कसके चोदो की मेरी चीख निकल जाए’ मैंने कहा. आज रात के लिए मैं तुम्हरी बीबी हूँ! मैंने उसे आँख मारी. रामनाथ मेरी चूत पर आ गया और मेरी चूत पीने लगा. वो मस्ती से मेरी बुर पी रहा था. वो एक हाथ से मेरी चूत में बड़ी जल्दी जल्दी ऊँगली भी कर रहा था. वो किसी मशीन की तरह मेरी चूत में ऊँगली कर रहा था. अब रामनाथ ने अपना लंड मेरी चूत में डाल दिया. मेरे पति वीरेंद्र ने मुझको बहुत चोदा था, इसलिए मेरी चूत बहुत फटी हुई थी. रामनाथ का लंड बड़ी आराम से मेरी बुर में चला गया. वो मुझे रंडियों के जैसे चोदने लगा. रामनाथ जल्दी जल्दी हाथ से अपना लंड फेटने लगा. माँ अपना मुह खोले रही उसका माल पीने के लिए. कुछ देर बाद फुच फुच्च की पिचकरी उसके लंड से निकली और सीधा मेरे मुह में चली गयी. मैंने उसका सारा माल पी लिया. उसके बाद दोस्तों मैंने उससे कह कह कर अपनी गांड भी मरवाई.
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